फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू इतर की आई है॥
बाबा फागण का मेला,
भक्तों के मन को भाये,
लाखों प्रेमी तेरे दर पे,
आकर के शीश झुकाये,
तू सुनता है जिसने भी,
जो अर्जी लगाई है,
खाटू की माटी में.....
जब फागण मेला आये,
भक्तों में खुशियां छाये,
कोई रंग अबीर उड़ाये,
कोई भर पिचकारी लाये,
कोई नाच कूदकर,
श्याम धणी की महिमा गाई है,
खाटू की माटी में.....
दीपक ने तेरे दर पे,
जब जयकारा लगवाया,
मेरा बाबा खाटू वाला,
होली खेलण को आया,
भक्तों के संग में खेले,
मेरे श्याम कन्हाई है,
खाटू की माटी में.....