श्रंगार सांवरिया लागे ये प्यारा है,
देख के प्यार से मुस्करा दीजिये,
लगती काजल की कोरें, काली घटा,
मन को भाने लगी तेरी, प्यारी छटा,
है रूप तेरा प्यारा प्यारा, जो मोह लेता है जग सारा,
देखकर प्यार से..……
चमके कानों में कुंडल दिनकर से,
सारी ले लू बलाएँ मैं जी भर के,
नजर कहीं न लग जाये सोहना सा मुखड़ा मन भाये,
देखकर प्यार से..………
न्यारा जग में तेरा ये सिंगार है,
प्यारा फूलो में बैठा वो दातार है,
“माही” को रूप तेरा भाये, “तन्नू” तेरी महिमा गाये,
देखकर प्यार से..………