खाटू बाबा बड़े निराले सब डिवॉन में भोले भाले
उंच नीच ना देखे कोई सबको करते प्यार
भरलो भरलो झोलियाँ आके बाबा के दरबार
भरलो भरलो झोलियाँ आके खाटू के दरबार
मुखड़ा है भोला भाला सुन्दर है रूप निराला
मुखड़े पे जाऊं क़ुर्बान गाऊँ मैं तो तेरा गुणगान
भरलो भरलो झोलियाँ आके बाबा के दरबार
जो भी आये सच्चे मन से मिलता उसे सहारा
फागुन में है जिसके दर पे लगता अजब नज़ारा
ज़िन्दगी महक जायेगी कर लो फूलों से श्रृंगार
भरलो भरलो झोलियाँ आके बाबा के दरबार
डम डम ढोल नगाड़े बजते छम छम बजते छैने
धिनक धिनक दिन भक्त हैं नाचे मस्ती के क्या कहने
चन्दन का जो तिलक करे तो भर देते भण्डार
भरलो भरलो झोलियाँ आके बाबा के दरबार
पंचा श्री नाम के प्यारे तू भी जप ले माला
जय श्री खाटू श्याम है बोले कवी हरयाणे वाला
सात जनम के पाप करम का सर से उतरे भार
भरलो भरलो झोलियाँ आके बाबा के दरबार