सारी दुनिया के काम बनाने वाले,
हमारे खाटू श्याम के दरबार में....
सब आते हैं और कहते हैं कि बाबा,
हमारा ये काम करवा दो तो मैं,
छप्पन भोग लगाऊंगा,
अगर हमारा ये काम करवा दो तो
मैं नंगे पैर खाटू आऊंगा....
अब ऐसा ही मेरे जैसा एक भक्त था,
और बाबा को कह कर आया,
की बाबा मेरा ये काम करवा दो,
तो मैं आपको मुकुट पहनाऊंगा,
और जब काम हो गया,
दुबारा जब वो खाटू आया....
तो मुकुट लाना भूल गयो,
और श्याम बाबा उससे रूठ गए,
तो आइए सुनते हैं,
वो बाबा को कैसे मना रहा हैं....
हो बाबा बोल जा,
हो बाबा बोल जा,
प्यारे मैं थारो,
ला दूँ मुकुट,
बाबा बोल जा,
हो मेरे खाटू वाले,
हो मेरे नीले वाले,
मैं थारो ला दूँ मुकुट,
बाबा बोल जा,
हो बाबा मान जा,
प्यारे मैं थारो ला दूँ मुकुट,
बाबा बोल जा....
खाटू में आया बाबा,
अब तो संभाल लो,
लो पकड़े कौन मैंने,
अब तुम मान लो,
हो मेरे बाबा प्यारे,
हो मेरे खाटू वाले,
मैं थारो ला दूँ मुकुट,
हो बाबा बोल जा,
ओ बाबा मान जा,
प्यारे मैं थारो ला दूँ मुकुट,
हो बाबा बोल जा…..
गलती है मेरी बाबा,
ये मैंने मान लिया,
पर तुमको है मनाना,
ये मैंने ठान लिया,
हो मेरे बाबा प्यारे,
हो मेरे खाटू वाले,
मैं थारो ला दूँ मुकुट,
हो बाबा बोल जा,
हो बाबा मान जा,
प्यारे मैं थारो ना दूँ मुकुट,
बाबा बोल जा....
हीरो से जड़वा दूँ मुकुट,
मोती ने छोड़ दूँ,
कपिल से बाबा ऐसे,
हां मुँह ना मोड़ तू,
सारा देखे खड़े,
हां सारा देखे खड़े,
मैं थारो ला दूँ मुकुट,
हो बाबा बोल जा,
हो बाबा मान जा,
प्यारे मैं थारो ना दूँ मुकुट,
बाबा बोल जा.....