मांगू न कुछ और तेरा प्यार चाहिए
मुझको मेरे श्याम का दीदार चाहिए
दुनिया से क्या लेना देना,श्याम से मिलकर मेरे रहना
श्याम ही मेरे दिल को भाये,मेरा दिल कहि ओर लगे ना
मुझको सांवरे सा दिलदार चाहिए
मुझको मेरे श्याम का......
जबसे तेरी शरण मे आया,क्या बतलाऊ क्या क्या पाया
सारा जग अपना बन बैठा, ये धन मैंने खूब कमाया
तेरे प्रेमियों की भरमार चाहिए
मुझको मेरे श्याम का......
बार बार तेरे दर आउ,झूम झूमकर नाचूँ गाऊ
भाव ह्रदय में भरते रहना,मै लिख लिखकर तुम्हे सुनाऊ
दिनभर दिन भजनों में यही प्यार चाहिए
मुझको मेरे श्याम का......
चरणों मे रखदी है अर्जी,आगे श्याम तुम्हारी मर्जी
मुझको श्याम निहाते रहना,ये बिन्नू तो है खुदगर्जी
जीवनभर तेरा ही आधार चाहिए
मुझको मेरे श्याम का......
रचना:-बिन्नू जी
संपादक :-विजय कुमार डिडवानिया
सरदारशहर, ९५११५३९९३३
जय जय श्री श्याम