सुखी मेरा परिवार है,
माँ तेरा उपकार है,
मेरे घर का इक इक पत्थर,
तेरा क़र्ज़दार है।।
देख गरीबी घबराये हम,
रहते थे परेशान हम,
किस्मत हमको लेके गयी थी,
फिर मईया के धाम जी,
सुखी मेरा परिवार है.....
ज़मी पड़ी है झोपड़ी ये,
मईया के एहसान से,
भरी पड़ी है कुटिया मेरी,
बस माँ के सामान से,
सुखी मेरा परिवार है.....
जब जब संकट आता,
मईया के आगे रोते है,
हम तो अपनी मईया के भरोसे,
खुटी तान के सोते है,
सुखी मेरा परिवार है.....