बाबा प्रेम की होली है,
श्याम संग खेलूं होली उन्हें रंग जो लगाना है......
प्रेम की डोरी बाँध कर उसे बसा लूंगा मन में,
ऐसा रंग लगाऊं मैं जो ना छूटे जीवन में,
प्रेम की डोरी बाँध कर उसे बसा लूंगा मन में,
उस खाटू वाले का उस लीले वाले का,
मेरा दिल तो क्या सारा जग ये दीवाना है....
ब्रिज की होली देखि हमने बाबा सौ सौ बार,
इस बरस होली खेले हम तेरे संग सरकार,
अपनों को छोड़ा है सारी दुनिया छोड़ी है,
अब तो मेरा मन कहे बस खाटू जाना है.....
सबकी होली रंग भरी ये बाबा कर देता है,
जो भी इसके रंग रंगे ये साथ हमेशा देता है,
पुष्पेंद्र प्रभु है तेरा रागी है श्याम तेरी,
तेरी रहमतों से बाबा अनमोल खज़ाना है......