धुंन:-लोकां दे लख़ां सहारे,
बस मेरा सहारा तूं ही तूं
मैं लख़ां दा की करना,करोड़ा वरगा तूं ही तूं
( सतगुरू सतगुरू मैं करां, मैंनूं सतगुरू दिसे हर ओर,
मैं कमली ओहदें प्यार दी, मैंनूं सतगुरू वाजो ना कोई होर। )
नचदी है मेरी रूह, मिल गये ने सतगुरू,
देख के ओदां मुखड़ा, दुर हो जादां दुखड़ा,
कैसी करामात है,
कैसी करामात है,
नचदी है मेरी रूह, मिल गये ने सतगुरू....
बुआ उस खोलेया हे, मेरी तकदीर दा,
भेद कोई पा ना सकेया, मेरे सोणें पीर दा,
पीर निराला मिलेया, जग दा उजाला मिलेया,
कैसी करामात,
कैसी करामात,
नचदी है मेरी रूह, मिल गये ने सतगुरू....
धुली चरणां दी सतगुरू, ले ले के जीवां,
नाम तेरे दा प्याला, भर भर पिवां,
तेरे ही गीत गावां, तैंनूं मैं सदा मनावां,
कैसी करामात है,
कैसी करामात है,
नचदी है मेरी रूह, मिल गये ने सतगुरू....
पाया गुरूदेव सोंणां, खिलें गुलज़ार है,
पत्ता पत्ता डाली डाली, खिली हुई बहार है,
मौर पपीहा बोले, फुल्लां ते भवंरा डोले,
कैसी करामात है,
कैसी करामात है,
नचदी है मेरी रूह, मिल गये ने सतगुरू...