जन्मो जनम यूँ ही तेरा प्यार मिले सरकार,
छूटे ज़मान चाहे तेरा छूटे नहीं दरबार,
भूले से भी भूल ना जाना,
मुरली वाले साथ निभाना,
साथ निभाना हर बार,
जन्मो जनम यूँ ही....
तुमसे ही शुरू होवे तुम पे ही होवे ख़तम,
रिश्ता ये निभे अपना जब तक हो दम में दम,
चाहे संकट की होवे घड़ी, या खुशियों की लटके लड़ी,
तेरे बिन ना कुछ स्वीकार,
जन्मो जनम यूँ ही....
विश्वास का ये धागा कभी होवे ना कमज़ोर,
मुझे तू ही नज़र आये चाहे देखूं मैं जिस और,
छोटी सी है ये अर्ज़ी, कर दो ना प्रभु मर्ज़ी,
हम मानेंगे उपकार,
जन्मो जनम यूँ ही....
मन में हो तेरी लगन होंठों पे तेरे भजन,
तेरे भक्तों की सेवा में मोहित का बीते जनम,
मैं तेरा ही हों जाऊं बस तुझमें ही खो जाऊं,
यही ख्वाइश है दातार,
जन्मो जनम यूँ ही.....