मेंहदी लगवालो जी मिलकर,सारे श्याम नाम की
किरपा हो जाएगी पल भर माही,बाबा श्याम की
मीरा बाई ने ये मेहंदी लगाई,
ऐसी लगी मेंहदी,गिरिधर में समाई
छोड देई जिदगानी मीरा जी,ऐशो आराम की...
किरपा हो जाएगी पल भर माही बाबा श्याम की
करमा बाई ने ये मेंहदी लगाई
ऐसी रची हाथों से खिचडो खिलाई
थाली छप्पन भोग की बोलो भाया किस काम की...
किरपा हो जाएगी पल भर माही बाबा श्याम की..
नरसी नान्ही ने मेहंदी रचाई
सावलशाह बनाके इनको भात भराई
क्या तारिफ करू मैं मायरे के इतंजाम की..
किरपा हो जाएगी पल भर माही बाबा श्याम की....
श्याम बहादुर आलू सिह ने रचाई
इंनकी छवि निज मदिरं में लगाई
इनकी खुशबू से मिट्टी महके है खाटू धाम की
किरपा हो जाएगी पल भर माही बाबा श्याम की....
इस मेहंदी का कभी रंग उतरे ना
जिसने लगाई दूजा रंग चढे ना
एक बार बात मान के देखो "राधे" इस "श्याम" की
किरपा हो जाएगी पल भर माही बाबा श्याम की.....