कान्हा आजा गोकुल माई मारो मन घणो घबरावे,
मन घणो घबरावे मारो दिल घणो घबरावे रे,
कान्हा आजा गोकुल माई मारो घणो घबरावे.......
नींद नहीं आवे माने चैन नहीं आवे रे,
मोहना आजा गोकुल माई मारो मन घणो घबरावे.......
आप रे कारणिये मोहन घरु बेर किना रे,
वृन्दावन आजा आज मारो मन घणो घबरावे.......
माखन खायो कान्हा थे मटकिया फोड़ रे,
थाने मारे यशोदा माई मारो मन घणो घबरावे.......
धर्म तंवर थाने विनती करिया रे,
ओ कान्हा बेगो बेगो आव मारो जीवड़लो हरसावे,
कान्हा आजा गोकुल माई मारो घणो घबरावे.......