लुगाइयों री किसे नै मेरा काला देख्या हो,
के जतन करू मैं तो ढूंढती फिरू मुरली आला देख्यां हो...
श्याम रंग मंनै लाग सै प्यारा ऐ,
उसके बिना म्हारा नहीं सै गुजारा ऐ,
वो तो गोपनिया महै आरया सै इसा चाला देख्या हो,
लुगाइयों री किसे नै मेरा काला देख्या हो....
माखन चोर कह्या ऐ करै सै हे,
ना फंदे महै फ़हया ऐ करै सै हे,
वो तो गुजरिया महै रहया ऐ करै इसा निराला देख्या हो,
लुगाइयों री किसे नै मेरा काला देख्या हो....
मोरपंख उसके धरया सिर पे सै ऐ,
बिना बुलाये ना आवै घर पै ऐ,
सारी दुनिया उसके दर पै इसा रुखाला देख्या हो,
लुगाइयों री किसे नै मेरा काला देख्या हो....
पेटवाड़ गांम सारा ही छाण्या हे,
गुगन सिंह किते लुकया गिरकाना हे,
पीताम्बर सै उसका बाणा पहरे माला देख्या हो,
लुगाइयों री किसे नै मेरा काला देख्या हो.....