श्याम नाम रस की चटोरी
बरसाने की छोरी
पीवे ये रस चोरी चोरी
बरसाने की छोरी
छाज पिए न माखन खावे
छप्पन भोग इसे न भावे
मांगे न लड्डू कचोरी
बरसाने की छोरी
नैन के तीखे वान चलावे सज धज के मोहन को रिजावे
पेंके पिरतिया की डोरी
बरसाने की छोरी
मन लोकेश के केश में उल्जा
यु उल्जा के फिर न सुल्जा
हे श्याम चंदा चकोरी
बरसाने की छोरी