अर्घ्य चढाओ प्राणि

अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि....

हो चौदह भुवन के स्वामी,
सकल लोक के गामी,
सतरंगी किरणों के ज्योत में,
सूर्या है अंतर्यामी,
हे दिनेश दिनेशेश्वर,
नमामि नमामि नमामि,
प्रणाम करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
हो चौदह भुवन के स्वामी,
सकल लोक के गामी.....

सूर्य देवता साक्षात है,
सभी प्रकाशित इनसे,
चंद्र बृहस्पति बुध शुक्र शनि,
सभी प्रभावित इनसे,
सूर्याय नमः
सूर्याय नमः
सूर्याय नमः
सूर्य की पूजा जो करते हैं,
होते जग में ज्ञानी,
प्रणाम करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
हो चौदह भुवन के स्वामी,
सकल लोक के गामी.....

सूर्य की महिमा बड़ी निराली,
जिसपे कृपा होती है,
उसको धन वैभव सब मिलता,
दुनिया उसी की चमकती है,
सूर्याय नमः
सूर्याय नमः
सूर्याय नमः
सूर्य रश्मि या निर्मल करती,
पवन हो खलगामी,
प्रणाम करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
अर्घ्य चढाओ प्राणि,
नमन करो रे प्राणि,
हो चौदह भुवन के स्वामी,
सकल लोक के गामी,
हो चौदह भुवन के स्वामी,
सकल लोक के गामी....
download bhajan lyrics (437 downloads)