किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं,
जो पराया दर्द अपनाए उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए....
कभी धनवान है कितना, कभी इंसान निर्धन है,
जो मुश्किल से ना घबराए उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए....
यह दुनिया एक उलझन है कहीं धोखा कहीं ठोकर,
कोई हंस-हंसकर जीता है कोई जीता है रो-रो कर,
जो गिर कर फिर संभल जाए उसे इंसान कहते हैं
किसी के काम जो आए....
अगर गलती रुलाती है तो राहे भी दिखाती है,
बसर गलती का पुतला है यह अक्सर हो ही जाता है,
जो गलती करके पछताए उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए....
अकेले ही जो खा खाकर सदा गुजरान करते हैं,
यूं भरने को तो दुनिया में पशु भी पेट भरते हैं,
जो मिलकर बांट के खाए उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए....