तेरा हो जग भव से बेडा पार तू मात पिता को करले नमन
करले नमन उनके छु ले चरण,
तेरा हो जग भव से.........
कितने प्यार से तुझे पला है माँ ने,
कितनी सही है पीढ़ा तू क्या है जाने,
तुझे कितना किया है बंदे प्यार,
जो भी है वास्तु तूने पिता से मांगे,
कर कर के मेहनत तुज्को वो ही दिलाये,
रखदी कदमो में खुशिया अपार,
आये घर बीबी फिर तू फुला न समाया,
पत्नी के लिए उनके प्यार को भुलाया,
उनको रोटी को किया लाचार.
माँ बाप तेरे बन्दे अगर तुजसे रूठे,
जाओ जन्हा भी सरे तीर्थ है झूठे,
इनके कदमो में स्वर्ग का दवार,
लेखराज केहता इनको कभी ना सताना,
गों हा धतिर भगतो मेरा ठीकाना,
जहा पाया है मने इनका प्यार....