करलयो फ़ागुणीये की तैयारी,
हेला मारै श्याम बिहारी,
सजगी खाटु नगरी सारी,
सगला चालांगा ...हो..घूमर घालांगा......
हो पाछै एक बरस कै आयो,
ठाड़ो मिळण को हेत समायो,
भगतां बैठ विचार बणायो,
सगला चालांगा ...हो..घूमर घालांगा......
होली श्याम धणी के संग मैं,
रँगणि राधा जी भी रंग मैं,
दोनयू होज्या चोखा तंग मैं,
सगला चालांगा ...हो..घूमर घालांगा......
कोई लाल गुलाल ले जासी,
कोई फूल फुहार उड़ासी,
रवि श्याम रंग रंगजासी,
सगला चालांगा ...हो..घूमर घालांगा.....