बहुत आया मैं दर तेरे

जब मैं हु तेरा और तू है मेरा,
फिर है क्यों फंसला संवारे,
राह देखू तेरी हर पल हर घडी तेरी कोई न खबर संवारे,
बहुत आया मैं दर तेरे मगर इस बार तू ही आना,
तरस ते नैन दर्शन बिन तुम प्यास इनकी बुजा जाना,
बहुत आया मैं दर तेरे मगर इस बार तूम ही आना,

कोई याद करे दिल से तुम को,
उस अपना बनाते हो,
कोई प्रेम करे तुमसे मोहन,
तुम दोड़े आते हो,
मेरे भी प्रेम को समजो प्रीत मेरी निभा जाना,
बहुत आया मैं दर तेरे मगर इस बार तूम ही आना,

हर दम होठो पे नाम तेरा और दिल में लगन तेरी,
मेरी पीड़ा को समजो ठाकुर क्या झूठी प्रीत मेरी,
कोई गलती हुई मुझसे वही आके बता जाना,
बहुत आया मैं दर तेरे मगर इस बार तूम ही आना,

इतनी सी विनती है मेरी
इतनी सी चाह मेरी मेरे घर आना तुम संवारा ना करना अब देरी,
टोनी की इस अर्जी पे तुम मोहर अपनी लगा जाना ,
बहुत आया मैं दर तेरे मगर इस बार तूम ही आना,
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