( बागा बोली कोयली, वन में बोल्यो मोर,
नवरात्रि को आयो त्यौहार, खुशी बरसे चहुं ओर,
सरस बन में, सरस बन में,
आज कोयल बोली रे सरस बन में।। )
झमराल्या रो बेटो मैया चतुर सुजान रे,
चतुर सुजान ओ मैया चतुर सुजान रे,
नंदन बन में नंदन बन में,
आज कोयल बोली रे सरस बन में....
किरसान्या रो बेटो मैया चतुर सुजान रे,
चतुर सुजान ओ मैया चतुर सुजान रे,
हमारे मन में तुम्हारे मन में,
आज कोयल बोली रे सभी के मन में.....
कौन ले आए मैया तोहरी चुनरिया,
भगत ले आए मैया तोहरी चुनरिया,
मैया ओढ़ रही रे मैया पहन रही रे,
आज कोयल बोली रे सरस बन में.....
।।डॉ सजन सोलंकी।।