चिता की भस्म रमाके,
श्रृंगार करने वाला,
कितना सुंदर लागे भोला,
कितना लागे प्यारा.....
शिश पे चंदा साजे,
जटा में गंग विराजे,
भक्त दिवाने होते हैं,
जब जब भोले का डमरू बाजे,
हे चंदा यह महादेव,
तारे हे जग ये सारा,
कितना सुंदर लागे भोला,
कितना लागे प्यारा....
बदन पे मृग की छाल,
तेरे गले में मुण्ड की माल,
हाथ कमण्डल साजे,
लाचार खड़ा हे काल,
हवा में सर सर करता,
तेरे गले में नाग है काला,
कितना सुंदर लागे भोला,
कितना लागे प्यारा....
नंदी पे सवारी करता,
भांग धतूरे पे मरता,
गोरा न घोंटे भांग तो,
भोले का मन है जलता,
निल कंठ है महादेव,
जग का है रखवाला,
कितना सुंदर लागे भोला,
कितना लागे प्यारा....