भोले हम तेरे दर पे आयेगे चरनो में सिर झुकायेगे,
तू मुझे थाम लेंगा ये इतवार है
पावन तेरा द्वार है,
हो सिर पे है गंगा गले में बुज्न्गा माथे पे चंदा सजाये हुए
तुझको है प्यारी नंगी सवारी
हाथो में डमरू उठाये हुए
कर लिया भस्म से तूने शिंगार है,
पावन तेरा द्वार है,
मांगू न सोना मांगू न चांदी
हमे तेरी भगती प्यारी लगे,
पर्वत के वासी सुन केलाशी छवि सारे जग से न्यारी लगे,
तू मेरा मैं तेरा बस ये इकरार है,
पावन तेरा द्वार है,
हो अविनाश आके सिर को जुका के तेरा नाम लेकर गाने लगा है,
अब तो बिसरियां मेरी ये नैया खुद मेरा शंकर चला ने लगा है,
बिन तेरे कुछ नही सुना संसार है,
पावन तेरा द्वार है,