तेरी सखियाँ नु तेरिया उडीका क्यों भूल गयो साहनु मोहना.
बस इक वारि मूड के तू आजा क्यों भूल गयो साहनु मोहना,
सुनी हो गये आज ओ जंगल तू जिथे सी गौआँ चराइया,
वेखन आओ बोहड़ ते पीपल तू जिथे सी पींगा पाइयाँ,
पींगा प्यार वलियाँ आके झूटा जा क्यों भूल गयो साहनु मोहना,
तेरी सखियाँ नु तेरिया उडीका क्यों भूल गयो साहनु मोहना.
हूँ यमुना ते जी नहीं लगदा तू जिथे सी रास रचाये.
कदे ते तोड़ी गगार साडी कदे वस्त्र सी चुराये,
वाज प्यार वाली सुन के तू आजा, क्यों भूल गयो साहनु मोहना,
तेरी सखियाँ नु तेरिया उडीका क्यों भूल गयो साहनु मोहना.
मुकि रौनक कुञ्ज गली दी जिथे सी मेले लगदे,
होली दी जिथे रंग सी उड़ दे एह ढोल नगाड़े वजदे,
रंग प्यार वला आके चढ़ा जा, क्यों भूल गयो साहनु मोहना,
तेरी सखियाँ नु तेरिया उडीका क्यों भूल गयो साहनु मोहना.
कद आवे गा सिर दे साइयाँ असि बैठे आस लगाये,
ब्रिज भूमि विच ब्रिज शर्मा भी दर्शन तेरा चाहे,
आस आन के भी तू भी पूजा जा, क्यों भूल गयो साहनु मोहना,
तेरी सखियाँ नु तेरिया उडीका क्यों भूल गयो साहनु मोहना.