जय..जय.. जय..जय..
जय..जय.. जय..जय..
खाटू धाम… बाबा श्याम…
हारे को मिलती जीत जहां,
दरबार में इनके रहता हूं,
दिल्ली का रहने वाला हूं,
तुम्हें शाम की बात सुनाता हूं,
कुछ और ना आता हो मुझको,
श्याम रिझाना आता है……
जय..जय.. जय..जय..
जय..जय.. जय..जय..
खाटू धाम… बाबा श्याम…
जिसे मान रही सारी दुनिया,
जिसे पूज रही सारी दुनिया,
उस श्याम से तुम्हें मिलाता हूं,
दिल्ली का रहने वाला हूं,
तुम्हें शाम की बात सुनाता हूं....
जीते हो किसी ने युद्ध तो क्या,
बाबा ने कृष्ण को जीता है,
जहां हार मिली ना एक कभी,
हर प्राणी आकर जीता है,
दिल्ली का रहने वाला हूं,
तुम्हें शाम की बात सुनाता हूं………..
जय..जय.. जय..जय..
जय..जय.. जय..जय..
खाटू धाम… बाबा श्याम…
कलयुग में मैंने जन्म लिया,
ये सोच के मैं इतराता हूं,
बड़े नसीबों वाला,
हर ग्यारस को खाटू जाता हूं,
दिल्ली का रहने वाला हूं,
तुम्हें शाम की बात सुनाता हूं………
हारे को मिलती जीत जहां,
दरबार में इनके रहता हूं,
दिल्ली का रहने वाला हूं,
तुम्हें शाम की बात सुनाता हूं………
जय..जय.. जय..जय..
जय..जय.. जय..जय..
खाटू धाम… बाबा श्याम…