मेरे दर्द भरे जबरन पे श्याम ने हाथ बडाया,
अन्धयारी रातो में बाबा ने साथ निभाया,
मेरे श्याम ने गले लगाया और अपना मुझे बनाया,
मेरे सिरपे हाथ फिरा कर मेरा भी मान बडाया
भुलाओ तो ये दोडा आता है ये संकट को मिटाता है,
जब जब भी विपदा आई मेरा श्याम बना है सहाई
दुनिया वालो ने छोड़ा मेरे श्याम ने नाता जोड़ा,
बुलाओ तो ये दोडा आता है ये संकट को मिटाता है,
जग की आस नही है मेरा श्याम ही सचा साथी
नैया भी न डूबेगी जब श्याम है मेरा माझी
अब पार करेगा ये ही उधार करेगा यही
मेरी जीवन नैया को सवीकार करेगा येही
बुलाओ तो ये दोडा आता है ये संकट को मिटाता है,
मेरे श्याम के दरबार में हारे को मिलता सहारा
याहा जो भी हार के आता वो लगता श्याम को प्यारा,
तेरी मोरछड़ी का झाड़ा ये कष्टों से छुटकारा
रहे मौज में सारा जीवन आराम से होता गुजारा,
बुलाओ तो ये दोडा आता है ये संकट को मिटाता है,
हर ग्यारस में कीर्तन की गूंज बड़ी ही प्यारी
दुल्हन जैसी सजती नगरी श्याम तुम्हारी ,
भानु को खाटू बुलाया
और सारा कष्ट मिटाया विपन ने भजन सुना कर
बाबा को खूब रिजाया,
बुलाओ तो ये दोडा आता है ये संकट को मिटाता है,