जीवन व्यर्थ गवायो, ना मुख से राम नाम गायो.....
लरिकाई खेलि यौवन स्त्री संग, तैने खेलि गवायो,
ना मुख से राम नाम गायो......
आयो बुढापो भए रोग भारी, चलहिं न कर,पद,मुख,जीभ, वाणी,
कछु ना है बस पायो, ना मुख से राम नाम गायो.....
पिछले जनम तेरे करम सुफल है, सो तेने नर तन पायो,
ना तन कह लाभ उठायो, ना मुख से राम नाम गायो.....
जा कलिकाल की महिमा न्यारी, सुमिर राम नर होएं भव पारी,
ना आवागमन छुडायो, ना मुख से राम नाम गायो.....
प्रभु श्री सीताराम राम हमारे, जननी जनक शिवकेश के प्यारे,
सब पर कृपा बरसाओ, कि हम पर नेह निबाहो,
जीवन सफल बनाओ, कि मुख से राम नाम गायो......