मेरी नैया डग मग डोले,
तुम बिन मेरा कौन सहाई,
रघुकुल नंदन श्री रघुराई
हम नादा हम भोले।।
जीवन की ये लहर लहरियां,
मुझको रही उलझाये,
माया में मन उलझा उलझा,
एक ही आखर बोले,
मेरी नैया डग मग डोले....
तुमसे मैने ए तन पाया,
और सांसो की डोरी,
तेरी अमानत है ये सांसे,
कतरा कतरा बोले,
मेरी नैया डग मग डोले....
मोह माया में फस कर के मैं,
तुझ तक पहुच न पाऊँ,
"राजेन्द्र"के भव बंधन तुम बिन,
कौन भला अब खोले,
मेरी नैया डग मग डोले....
गीतकार/गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी