आते हैं रघुनंदन ,सजवादो द्वार-द्वार
स्वर्ण कलश रखवादो ,बंधवादों बंधन वार...-2
लड़ियों से मढ़ियों से फुलझड़ियों से
सजो राम दरबार शोभा अजब बनी -2
सजी नगरिया है सारी ,नाचें गावे नर-नारी
खुशियाँ मनाओ गाओ री मंगल चार -2
स्वर्ण कलश रखवादो ,बंधवादों बंधन वार...
कंचन कलश विचित्र सँवारे ,सब ही सजे धरे निज निज द्वारे
खुशियाँ मनाओ गाओ री मंगल चार -2
स्वर्ण कलश रखवादो ,बंधवादों बंधन वार...