तुम मोरी राखो लाज हरी

तुम मोरी राखो लाज हरी,
तुम जानत सब अन्तर्यामी,
करनी कछु ना करी,
तुम मोरी राखो लाज हरी....

अवगुण मोसे बिसरत नाही,
पल छिन घड़ी घड़ी,
सब प्रपंच की पोट बाँध कर,
अपने शीश धरी,
तुम मोरी राखो लाज हरी....

दारा सुत धन मोह लियो है,
सुद्ध बुद्ध सब बिसरी,
शूर प्रतीत को वेग उद्धारो,
अब मोरी नाव भरी,
तुम मोरी राखो लाज हरी......

श्रेणी
download bhajan lyrics (538 downloads)