वृन्दावन के बांके बिहारी हम दर तेरे आये हैं,
मुझे रख लो सेवादार सांवरे आस लगाए हैं....
तेरे चरणों की छाया से दूर न करना मुझको,
जन्म जन्म तेरी सेवा करूँ मैं ऐसा वर दो मुझको,
खुशियां मिलती इस दर से हमें झोली फैलाये हैं,
मुझे रख लो सेवादार सांवरे आस लगाए हैं.....
हर पल तेरा नाम पुकारूँ निष् दिन तुम्हे ध्याऊँ,
तेरी सेवा काम ना दूजा तेरे भजन मैं गाऊं,
तेरी रेहमत हो जाए यही आस लगाए हैं,
मुझे रख लो सेवादार सांवरे आस लगाए हैं....
धन्य हो गए ठाकुर जी हम पा के प्यार तुम्हारा,
सर पर हाथ सदा ही रखना ये उपकार तुम्हारा,
शर्मा लिखता भजन तुम्हारे जिनगी ये गुज़ारे हैं,
मुझे रख लो सेवादार सांवरे आस लगाए हैं.....