मैं गोवर्धन पे जाऊँ आऊँ परिकम्मा लगाए-2
आऊँ परिकम्मा लगाए में तो आऊँ परिकम्मा लगाए-2
मैं गोवर्धन पे जाऊँ आऊँ परिकम्मा लगाए-2
1 ) मुरली मनोहर कान्हा की मैं छवि हृदय में धारूंगी,
सात कोष की दउ परिक्रमा नहीं थको ना हारूंगी,
मानसी गंगा नहाऊं-2,आऊँ परिकम्मा लगाए
मैं गोवर्धन पे......
2 ) दर्शन कर गिरिराज धरण के मैं अपने भंडार भरूं,
जितने विधि विधान वहां के श्रद्धा से में सभी करूं,
मैं फूली नहीं सामाऊँ-2,आऊँ परिकम्मा लगाए,
मैं गोवर्धन पे......
3 ) गोवर्धन पै जब कोई जावे कृपा हो गिरधारी की,
जीप कार या मोटरसाइकिल इच्छा नहीं सवारी की,
मैं पैदल दौड़ लगाऊं-2,आऊँ परिकम्मा लगाए,
मैं गोवर्धन पे......
4 ) ना लाऊँ कोई बात ध्यान में गोविंद के गुण गाउंगी,
हाथ में तुलसी की माला ले उनमें चित रमाऊंगी,
ना भूलन धोखा खाऊं-2,आऊँ परिकम्मा लगाए,
मैं गोवर्धन पे......।
आऊँ परिकम्मा लगाए में तो आऊँ परिकमा लगाए-2
मैं गोवर्धन पे जाऊँ आऊँ परिकम्मा लगाए-2 ।