फ़िकर फ़िर क्या करना सिर पर सीताराम,
तेरे बिगड़े बनेगे काम्, फ़िकर फ़िर क्या करना....
पितु रघुबर श्री जानकी मैया, फ़िर क्यों परेशान हो भैया,
तेरे कटेगे कष्ट तमाम्, फ़िकर फ़िर क्या करना....
जो जन रामकथा सत्संगी, उनके सहायक श्री बजरंगी,
अतुलित बल के धाम फ़िकर फ़िर क्या करना.....
अगर प्रभु मन मानी करेगे नही शरनाघत पीड़ हरेगे,
होगा बिरद बदनाम फ़िकर फ़िर क्या करना....