नाम जपले हरि दा प्यारे, जग मेला चार दीन दा,
खड़ा सिर उत्ते काल पुकारे, जग मेला चार दीन दा.....
बचपन गया ते जवानी फिर आई है,
लंग गयी जवानी ते बुढ़ापे फेरी पाई है,
फेरा पाया ना प्रभू दे दवारे, जग मेला चार दीन दा,
नाम जपले हरि दा प्यारे......
नाम वाली माला नु तू कदे वी ना फेरिया,
मोह ममता दे बन्दया ने तैनु घेरया,
बेड़ी लगनी नी पार किनारे, जग मेला चार दीन दा,
नाम जपले हरि दा प्यारे......
सारी जिंदगानी तू ता दौलत कमाईm
अनंत वेले प्यारे काम नही आई,
खाली हाथ आया खाली ही जाना, जग मेला चार दीन दा,
नाम जपले हरि दा प्यारे......