कोई श्याम सूंदर से कह दो ये जाके,
भुला क्यों दिया मुझे अपना बना के,
कोई श्याम सूंदर से कह दो ये जाके,
अगर वो कन्हियाँ हम से खफा है,
खफा क्यों है इतना हम को बता दे,
क्यों बिरहा की अग्नि में हमको जला के,
भुला क्यों दिया मुझे अपना बना के,
कोई श्याम सूंदर से कह दो ये जाके,
वो कदम की छइयां सावन के जुले,
तेरा मुस्कुराना भला कैसे भूले,
वो मीठी सी मुरली की तान सुना के,
भुला क्यों दिया मुझे अपना बना के,
कोई श्याम सूंदर से कह दो ये जाके,
अब तो चले आओ प्यारे कन्हियाँ,
व्याकुल है गोकुल बे सुध है गइयाँ
वो तिर्शी सी चिंतवन के तीर चलाते,
भुला क्यों दिया मुझे अपना बना के,
कोई श्याम सूंदर से कह दो ये जाके,