महरे अंगाने में दादी जी ते आओ ते सही
बात उदीका तहरी दर्श दिखो तो सही,
महरे अंगाने में...........
तहरी ममता की पूंजी की मने है दरकार खड़ी,
मैं निर्बर पर ममता लुटाओ तो सही,
महरे अंगाने में..........
दुनिया तो घनो सहारो महरो सहारो दादी जी,
मासु कोई भूल चुक सम्जाओ तो सही,
महरे अंगाने में............
थारा चरण पथरा में मेरे मन में चाव उठे,
महरी कुटिया में चरण राज लाओ दादी जी,
महरे अंगाने में......
चोखाने की विनती सुनली झुन्जनु वाली सेठानी,
अमित रिजवे ठाणे दे दिखो दादी जी,
महरे अंगाने में.........