ऐसा रंगा हु श्याम के रंग में होश गवा बेठे है,
कल तक तो हम खुद के रहे थे अब तेरे हो बेठे,
प्रेम में तेरे सब कुछ हारा कुछ न रहा मेरे वस् में,
ना कोई गम है न कोई शिकन है श्याम मेरे जीवन में,
इसके काबिल हम नही थे वो हासिल कर बेठे,
ऐसा रंगा हु श्याम के रंग में .........
है सब माया श्याम प्रभु की खुश ही खुश रहते है
खाके कसम कहता हु मैं आनंद में रहते है,
भूल के अपना सब कुछ पराया अब तेरे हो बेठे,
ऐसा रंगा हु श्याम के रंग में ..........
दिल कुरबा है तुझपे दाता और नही कोई बावे,
छुटे न ये रंग कभी भी येही दिल में आये,
करके यारी तुमसे निखिल हम हार को जीत है बेठे,
ऐसा रंगा हु श्याम के रंग में ....