ओ सजनी कैसे खेली जाए रंगीली होली श्याम की,
होली श्याम की रंगीली होली श्याम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए .......
या होली में पायल खो गी मेरी पाँव की,
अभी नई वनवाई लाला मैंने मंहंगे दाम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए ....
अब तो सही न जाए बेशर्मी श्याम की,
बेमतलब लाज गई ऐसी होली किस काम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए ......
बहुत बुरी है रीत सखी ऋ नन्द के गांव की,
रंग डाले और छाप लगावे अपने नाम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए