मेरे सर पे मटकी दूध की

मेरे शिव के शीश पै चंदा है, और जटा में भरी गंगा,
मैं जोगण शिव के नाम की, भोले को नहावन जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की…..

मन्ने जोगण रूप बणाया है, लगी शिव दर्शन की आस,
मैं जोगण शिव के नाम की, भोले को नहावन जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की….

मेरे मन में रटन शुबह शाम की, भोले शंकर का लगाऊँ ध्यान,
मैं जोगण शिव के नाम की, भोले को नहावन जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की…..

भोले से नाता जोड़ के, मैं तो भव सागर तर जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की, भोले को नहावन जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की….

इस जग के बंधन तोड़ के, भोले के द्वारे जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की, भोले को नहावन जाऊँ,
मैं जोगण शिव के नाम की…..
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