कह रही राधिका प्यारे मोहन सुनो,
तीर जामुन पे आने का वादा करो ॥
मोहिनी धुन पे मोहन कदम के तले,
मंजु मुरली बजाने का वादा करो ॥
संग सखियों के पनिघट पे आउंगी मैं,
तुम भी आना कन्हैया सबेरे वही॥
नीर भरकरके जब मैं निहारु तुम्हें,
मेरी गागर उठाने का वादा करो॥
मेरी नैया के तुम ही खेवैया तो हो ,
हो मेरी जिंदगी का सहारा तुम्ही॥
अपनी बाहों का देकर सहारा मुझे,
जिन्दनगी ये बिताने का वादा करो॥
छोड़ बृज का नगर जाओ मथुरा न तुम,
पाँव पड़ती हूँ निर्मोही अब मैं तेरे॥
बांह मेरी पकड़ जो लिए आज हो,
जिंदगी भर निभाने का वादा करो॥