हम राम के बन्दे है,
हाथ जोड़कर जिनको पुकारे,
प्राणों में हम जिनको उतारे,
नाम वो है राम,
मेरे सियाराम सियाराम सियाराम......
रोम रोम में राम कण कण में है राम,
पुरवैया की शीतलता में बसते वो है राम,
बूंदों में है राम सागर में है राम,
गरज के बादल बोल पड़े जो,
नाम वो है राम,
मेरे सियाराम सियाराम सियाराम....
कोयल कु में राम शंख ध्वनि में राम,
मंदिर की घंटी से गूंजे नाम वो है राम,
पीपल में है राम अविचल में है राम,
धरती से अम्बर तक नाम वो है राम,
मेरे सियाराम सियाराम सियाराम.....
केवट के मन राम शबरी के मन राम,
छोटी सी गिलहरी के ह्रदय में बसते राम,
लक्ष्मण के है राम हनुमान के राम,
माँ सीता के ह्रदय में बसते,
पुरुषोत्तम वो राम नाम वो है राम,
मेरे सियाराम सियाराम सियाराम.....