यह नर तन जो तुझको मिला है,
जो गवाने के काबिल नहीं है,
तेरी हर सांस अनमोल हीरा,
जो लुटाने के काबिल नहीं है,
तेरी हर सांस.....
पशु जीते जी सेवा कमाए,
बाद मरने के भी काम आए,
पर प्यारे यह नर तन जो तेरा,
काम आने के काबिल नहीं है,
तेरी हर सांस.....
झूठ बोल और जीव सताए,
गंदे गाने खुशी से तू गाए,
पर प्यारे यह जीभया जो तेरी,
गाना गाने के काबिल नहीं है,
तेरी हर सांस.....
अब ना चैता तो रोना पड़ेगा,
नर्क में गर्क होना पड़ेगा,
तेरा होगा बुरा हाल ऐसा,
जो बताने के काबिल नहीं है,
तेरी हर सांस.....
क्यों करता है मेरा मेरी,
इक दिन हो जाएगी राख ढेरी,
इस दुनिया की चीज कोई भी,
साथ जाने के काबिल नहीं है,
तेरी हर सांस.....