मैं तो खेलु रे शिव संग होली,
संग में है फ़रिश्तो की टोली,
ज़िंदगी शिव के रंग में है रंग गई,
शिव तेरा रूप निराला है,
अतमा को पिया तू पालो है,
ऐसा रुहानो रंग तू डालो है.
जो हो गया मन मतवालों है,
जब चलाये ज्ञान पिचकारी होली मल ती आत्माये सारी,
तेरे प्यार के रंग में है रंग गई,
ज़िंदगी शिव के रंग में है रंग गई,
चाहु और ही तो अन्धयारा है बस मधुवन में उजियारा है,
शिव बाबा जो प्यारा प्यारा है,
मस्त रास का नजारा है,
सब छोड़ मैं उसकी होली उस के ज्ञान के रंगो में है रंग गई,
ज़िंदगी शिव के रंग में है रंग गई,
खुशिया खुशियां है ना कोई गम जब से मिला मुझे शिव साजन,
नाचे मयूर बन मोरा मन अब गाता हर पल मेरा मन,
दुःख की गड़ियां पूरी हो ली,
अब आनंद के रंग में मैं रंग गई,
ज़िंदगी शिव के रंग में है रंग गई,