मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ
सोयी सोयी जग दे तक़दीर ऐसी माँ,
चढ़ाऊँ भोग में हलवा पूरी चना खीर मेरी माँ,
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ.....
पौड़ी पौड़ी मैं है माता दी बोलदी रवाँ,
आगे पीछे मैयाजी तेरे डोलदी रवाँ,
जो तू काटे दुखों वाली,
कोई ज़ंजीर मेरी माँ
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ.....
शेरावाली माँ मेरी फ़रियाद सुनले,
ज्योतावाली माँ मेरी फ़रियाद सुनले
तेरा दर्शन दिखा तू,
बड़ा जागीर मेरी माँ,
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ.....
सिवा तेरे हमारा कोई और नहीं माँ,
तेरा द्वारा सहारा बस एक मेरी मेरी माँ,
ये सारे भक्त शरण तेरी,
निभाते प्रीत मेरी माँ,
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ.....
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ,
सोयी सोयी जग दे तक़दीर ऐसी माँ,
चढ़ाऊँ भोग में हलवा पूरी चना खीर मेरी माँ,
मेरे हाथों पे खींच दे लकीर ऐसी माँ.....