रंग भरा है जी फूलों में,
मैया मेरी झूल रही,
सोने चांदी के झूलों में....
आई खुशबु बहारों में,
कंचकों संग खेल रही,
मेरी मैया पहाड़ों में,
रंग भरा है जी फूलों में,
मैया मेरी झूल रही.....
पता पत्ता है जी झूम रहा,
कण कण धरती का
माँ के चरणों को चूम रहा,
रंग भरा है जी फूलों में,
मैया मेरी झूल रही.....
पत्ता पत्ता है जी हरष रहा,
मैया जी से मिलने को,
बच्चा बच्चा है तरस रहा,
रंग भरा है जी फूलों में,
मैया मेरी झूल रही....
असा फिर भी आवेंगे,
पान सुपारी नारियल,
माँ को भेंट चढांवेंगे,
रंग भरा है जी फूलों में,
मैया मेरी झूल रही.....