विनती सुनले, अंजनी के लाला हनुमान रे,
तुम्हे सुनाऊं, दुख से भरी ये दास्तान रे.....
मतलब की है दुनिया सारी, झूठे रिश्ते नाते है,
भगत तेरे है दुखी जगत में, पापी मौज उड़ाते है,
भगत तेरे है दुखी जगत में, पापी मौज उड़ाते है,
मैं भी सेवक तेरा अनाड़ी, तेरे चरणों का हूँ पुजारी,
कर दे किरपा तू कृपा निधान रे....
विनती सुनलें, अंजनी के लाला हनुमान रे,
तुम्हे सुनाऊं, दुख से भरी ये दास्तान रे,
झुलस रहा हूँ गम की धूप में, प्यार की छाया कर दे तू,
भटक रहा हूँ मैं दुखियारा, आकर हाथ पकड़ ले तू,
भटक रहा हूँ मैं दुखियारा, आकर हाथ पकड़ ले तू,
सिर पर हाथ दया का धरदे, खुशियो से तू दामन भरदे,
बाबा इतना तो करदे अहसान रे,
विनती सुनलें, अंजनी के लाला हनुमान रे,
तुम्हे सुनाऊं, दुख से भरी ये दास्तान रे....
नस-नस में है पूजा तेरी, सांस – सांस में नाम तेरा,
फिर भी मुझपे कष्ट क्यूँ इतना, बतलादे हनुमान जरा,
गर हुई जो मुझसे भूल, उसको करता हूँ कबूल,
मैं तो बालक हूँ तेरा नादान रे,
विनती सुनलें, अंजनी के लाला हनुमान रे,
तुम्हे सुनाऊं, दुख से भरी ये दास्तान रे.....
‘मोहन शर्मा’ की सुध लेले, अब तो जल्दी आ जाओ,
चोखट पे तेरी आन पड़ा है, अब तो दर्श दिखा जाओ,
रो-रो के दिल ये तुझे पुकारे, अब तो आओ बजरंग प्यारे,
वरना निकल जायेगी दम से जान रे,
विनती सुनलें, अंजनी के लाला हनुमान रे,
तुम्हे सुनाऊं, दुख से भरी ये दास्तान रे.....