ॐ जयबजरंग बली वीरा, जय बजरंग बली,
ॐ जयबजरंग बली वीरा, जय बजरंग बली,
जो जन शरण में आवे, उनकी विपत्ति पल में जली,
जो जन शरण में आवें, उनकी विपत्ति पल में जलीं,
ॐ जयबजरंग बली वीरा, जय बजरंग बली,
ॐ जयबजरंग बली वीरा, जय बजरंग बली॥
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
हनुमान जो नाम धयावे, भूत पिशाच निकट नहीं आवें,
भूत पिशाच निकट नही आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे॥
राम कथा कर सिख पवन सुत्त,
राम भजन भावे,
रघुवीर काज सँवारे उनके,
सीता सुधि लावे,
पुष्प की माला गले में साजे,
काँधे गदा धारी,
बज्र सी देह तुम्हारी,
दीनदयाल हारी,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवें,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे॥
बाल समय फल जान आपने,
भानु भोग कियो,
देत्यनुज घबरावे तुमने,
रवि मुक्त कियो,
मार हुंकार समंदर लान्घ्यो,
लंका फूँक दई,
अक्ष कुमार गिरायो तुमने,
सीता मगन भई,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवें,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे॥
नाद फास रघुवीर छुड़ावे संजीवनी लाये,
लखन के तुम प्राण विधाता,
रघुबीर जी गुण गावे,
जाए पातळ अहि रावण देवी रूप कियो,
कालनेमि संघारे त्रिभुवन सु यश लियो,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवें,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे॥
सूर्य कोटि सम तेज तुम्हारो,
कर पर्वत धारी,
संतन निस दिन सेवत,
महिमा अति न्यारी,
सुक सनकादिक नारद शारद,
तुम रो नाम ध्याये,
ऋषि मुनि तेरी आरती गावे,
मारुती कृपा करे,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे,
भूत पिशाच निकट नहीं आवें,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
बोलो राम राम राम, बोलो राम राम राम,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
हनुमान जो नाम धयावे.....