बूटी कान्हा से मंगवा लूंगी,
मेरे हुए दर्द नस नस में.....
यह बूटी मीरा ने पी लई,
वाके अमृत बना दिए एक पल में, मेरे होय दर्द नस नस में....
यह बूटी द्रुपद ने पी ली,
वाके चीर बढ़ा दिऐ अंबर में, मेरे होय दर्द नस नस में.....
यह बूटी नरसी ने पी लई,
वाके भात भरा दीए जूनागढ़ में, मेरे होय दर्द नस नस में....
यह बूटी मोरध्वज ने पी लई,
वाके लाल मचा दिए जंगल में, मेरे होय दर्द नस नस में....
यह बूटी हरिश्चंद्र ने पी लई,
वाके घड़ा उठा दिए काशी में, मेरे होय दर्द नस नस में.....
यह बूटी भक्तों ने पी लई,
आके दरस दिखा दिए एक पल में, मेरे होय दर्द नस नस में.....