तेरी गलियों में ऐ मुरली वाले,
हम यूँ ही आया जाया करेंगे,
इक न इक तो दर्श मिले गा,
युही चक्र लगाया करे गे,
तेरी गलियों में ऐ मुरली वाले .....
अपने ही मन को मंदिर बना के,
द्वीप भगति का उसमे जगा के,
आँसियो पखारे पालो को निष्ठा चंदन लगाया करे गे,
तेरी गलियों में ऐ मुरली वाले हम यूँ ही आया जाया करेंगे
नैन दीपक और हाथो की थाली,
कर्म पुष्पों से हमने सजाली ,
भावना के बना कर के भोजन,
भोग तुम को लगाया करे गे,
तेरी गलियों में ऐ मुरली वाले हम यूँ ही आया जाया करेंगे
इस हिरदये का पलंग हम बनाये,
मेहता फिर भीशोना बिषये,
प्रेम रुपी चदरियाँ उड़ा के,
तुम को लोरी सुनाया करे गे.
तेरी गलियों में ऐ मुरली वाले हम यूँ ही आया जाया करेंगे
कभी रूठा करो गए मुरारी हम खुशामद करे गे तुम्हारी,
अपनी बाहो में लेके कृष्ण यु तुम को झूला झुलाया करे गे,
तेरी गलियों में ऐ मुरली वाले हम यूँ ही आया जाया करेंगे