सुनो हरी मेरी करुणपुकार

मेरी करुण पुकार सुनो हरी
मेरी करुण पुकार
आन पड़ी मजधार में नैया ,
तू ही पार उतार
सुनो हरी मेरी करुणपुकार

शरण पड़े को तुम अपनाते देते प्रेम उपहार,
कारण रहित किरपा करते तुम सब के तुम आधार,
सुनो हरी मेरी करुणपुकार

मैं तो साधन दीं हीन हु तुम सब जनन हार,
देर है पर अंधेर नही है केहते संत पुकास
सुनो हरी मेरी करुणपुकार

तुम तो हो बिनु हेतु सनेही करुना के भण्डार,
मांगू भीख दया की केवल पड़ी तुम्हारे द्वार
सुनो हरी मेरी करुणपुकार

श्रेणी
download bhajan lyrics (738 downloads)