कैसा आया है जमाना कलयुग घर-घर राज करे

कैसा आया है जमाना कलयुग घर-घर राज करे......

पानी आंखो का मरा, मरी शर्म और लाज,
कहे बहू और सास से घर में मेरा राज,
कैसा आया है जमाना.....

भाई भी करता नहीं अब भाई का विश्वास,
बहन पराई हो गई अब साली खासम खास,
कैसा आया है जमाना.....

मंदिर में पूजा करें और घर में करें क्लेश,
मात-पिता बोझ लगे और पत्थर लगे गणेश,
कैसा आया है जमाना.....

बचे कहां अब शेष हैं दया धर्म ईमान,
पत्थर के भगवान हैं और पत्थर दिल इंसान,
कैसा आया है जमाना.....

पत्थर के भगवान को लगते छप्पन भोग,
मर जाते फुटपाथ पर भूखे प्यासे लोग,
कैसा आया है जमाना.....

कैसा है पाखंड का अंधकार चारों ओर,
पापी करते जागरण मचा मचा कर शोर,
कैसा आया है जमाना.....

पहन मुखौटा धर्म का करते दिनभर पाप,
भंडारे करते फिरें और घर में भूखे बाप,
कैसा आया है जमाना.....
श्रेणी
download bhajan lyrics (594 downloads)