मेरे कोई श्याम का दीवाना तो बने,
दीवाना तो बने मस्ताना तो बने....
राणा ने कहा मीरा से तु श्याम कहना छोड़ दे,
कृष्ण कहना छोड़ दे संतो का संग भी छोड़ दे,
मीरा बोली राणा से यह श्याम नहीं छूटेगा,
चाहे मुझे मार दो मेरा श्याम नहीं छूटेगा,
गोविंद जय जय गोपाल जय जय,
मेरे कोई श्याम का दीवाना तो बने.....
जुलम किया राणा ने मीरा को विष दे दिया,
प्रभु चरणामत समझ कर मीरा ने हस कर पी लिया,
और चल पड़ी रातो को मीरा वृंदावन के धाम को,
मुख से जपने लगी अपने प्रभु के नाम को,
राधे राधे श्याम मिला दे,
मेरे कोई श्याम का दीवाना तो बने.....
ताते खम्बे से लगाया उस भगत प्रेहलाद को,
सारे भगत रो पड़े तरस ना आया उस बाप को,
भगत बच्चा डर ना जाये सोचा उस भगवान ने,
चिटी बनकर खम्बे पर चक्कर लगाए श्याम ने,
देख कर अपने प्रभु को भगत बच्चा रोने लगा,
जा लगा दो खम्बे से मुख से यही कहने लगा,
दीना बंदु दीना नाथ मेरी डोरी तेरे हाथ,
मेरे कोई श्याम का दीवाना तो बने.....
जुलम किया दुर्योधन ने जुए में पांडव हार गये,
खींच कर लाई गयी द्रौपदी जब दरबार में,
लकर भर दरबार में जब द्रौपदी को लगन किया,
पुकारा उसने श्याम को रो रो कर यह कहने लगी,
कृष्णा कृष्णा लग बचा दे ,
मेरे कोई श्याम का दीवाना तो बने.....